हिंदू धर्म के अनुसार मुंडन आठवाँ संस्कार है, जिसे गर्भावस्था की अशुद्धियाँ दूर करने के लिए किया जाता है। मुंडन, बच्चे के अच्छे स्वास्थ, और उसकी लंबी आयु के उद्देश्य से करते हैं, इसलिए, इस संस्कार को शुभ मुंडन मुहूर्त 2024 के अंतर्गत बताए गए मुहूर्त पर ही करना चाहिए। इसके साथ, व्यापार में सफलता पाने के लिए व्यापार भी शुभ मुहूर्त पर शुरू करना चाहिए।
गर्भ के बाल उतारने की इस परंपरा के लिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। लड़के का मुंडन कब करना चाहिए 2023? लड़कों का मुंडन अमूमन 3, 5, 7 जैसे विषम वर्षों में किया जाना चाहिए, जबकि लड़कियों का मुंडन सम वर्षों में करना उत्तम है। इसके अतिरिक्त, हिंदू शास्त्रों में जन्म के एक साल के अंदर बच्चे का मुंडन करना सबसे अच्छा माना जाता है।
2024 में मुंडन का मुहूर्त कब कब है? हिंदू धर्म के सोलह कर्मकांडों में से एक है, मुंडन संस्कार, जिसे पूरे विधि विधान से करना चाहिए। क्यों? पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बच्चे के बालों में उसके पिछले जन्म के कर्मों का प्रभाव होता है। अतः पूरे रीति रिवाज़, और विधि- विधान के जरिए मुंडन करने से शारीरिक शक्ति, मानसिक क्षमता का विकास होने के साथ, बच्चे की शैक्षिक योग्यता भी बढ़ती है। इस कारण से लोग मुंडन शुभ मुंडन मुहूर्त 2024 पर करते हैं। इसके साथ आप शादी की शुभ तिथियाँ भी आप जान सकते हैं। मुंडन के लिए कौन सी तिथि अच्छी है? हर महीने के शुभ मुंडन मुहूर्त 2024 निम्न हैं:
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
21फरवरी | बुधवार | सुबह 11.30 - 22फरवरी सुबह 06.54 | द्वादशी | पुनर्वसु |
22फरवरी | गुरुवार | सुबह 06.54 -दोपहर 01.24 | त्रयोदशी | पुष्य |
29फरवरी | गुरुवार | सुबह 06.46 - 1मार्च सुबह 06.24, | पंचमी | चित्रा |
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
8मार्च | शुक्रवार | सुबह 06.38 -रात 11.00 | त्रयोदशी | श्रवण |
20मार्च | बुधवार | सुबह 06.24 -रात 11.39 | एकादशी | पुष्य |
27मार्च | बुधवार | सुबह 06.16 - 28मार्च,सुबह 06.16 | द्वितीया | चित्रा |
28मार्च | गुरुवार | सुबह 06.15 -सुबह 06.38 | तृतीया | स्वाती |
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
4अप्रैल | गुरुवार | सुबह 06.07 - 5अप्रैल,सुबह 06.07 | दशमी | श्रवण |
5अप्रैल | शुक्रवार | सुबह 06.06 -दोपहर 01.31 | एकादशी | धनिष्ठा |
15अप्रैल | सोमवार | सुबह 05.55 -दोपहर 12.14 | सप्तमी | पुनर्वसु |
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
3मई | शुक्रवार | सुबह 05.38 - 4मई,सुबह 12.07 | दशमी | शतभिषा |
10मई | शुक्रवार | सुबह 10.47 - 11मई,सुबह 02.52 | तृतीया | रोहिणी |
20मई | सोमवार | शाम 04.00 - 21मई,सुबह 05.27 | द्वादशी | चित्रा |
24मई | शुक्रवार | रात 07.26 - 25मई सुबह 05.25 | प्रतिपदा | अनुराधा |
29मई | बुधवार | दोपहर 01.42 - 30मई,सुबह 05.24 | षष्ठी | श्रवण |
30मई | गुरुवार | सुबह 05.24 -सुबह 11.46 | सप्तमी | धनिष्ठा |
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
10जून | सोमवार | शाम 04.17 -रात 09.40 | चतुर्थी | पुष्य |
17जून | सोमवार | सुबह 05.23 - 18जून,सुबह 06.26 | एकादशी | चित्रा |
21जून | शुक्रवार | सुबह 07.33 -शाम 06.19 | चतुर्दशी | ज्येष्ठा |
24जून | सोमवार | दोपहर 03.54 - 25जून सुबह 01.25, | तृतीया | उत्तराषाढ़ा |
26जून | बुधवार | सुबह 05.25 -रात 08.57 | पंचमी | धनिष्ठा |
दिनांक | दिन | शुभ मुहूर्त | तिथि | नक्षत्र |
15जुलाई | शुक्रवार | रात 07.21 - 16जुलाई,सुबह 12.00 | षष्ठी | उत्तर भाद्रपद |
हिंदू पंचांग के अनुसार, शुभ मुंडन मुहूर्त 2024 चैत्र, वैशाख, और ज्येष्ठ महीनों में मुंडन नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ, माघ और फाल्गुन महीने मुंडन संस्कार के लिए अति शुभ होते हैं। यद्यपि आषाढ़ में मुंडन किया जा सकता है, पर यह आषाढ़ एकादशी के पहले होना चाहिए।