व्हाट इज मूल नक्षत्र? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्र होते हैं और इनमें से 19 वां स्थान मूल नक्षत्र का होता है। मूल नक्षत्र के चार चरण होते हैं, जो कि धनु राशि के अंतर्गत आते हैं। केतु इस नक्षत्र का स्वामी है, और राशि का स्वामी देवता गुरु है। केतु के प्रभाव से जीवन में कभी नकारात्मकता, तो कभी सकारात्मकता बनी रहती है। वहीं, गुरु अपनी स्थिति के अनुसार जीवन में प्रकाश डालता है।
मूल नक्षत्र कितने होते हैं? मुख्यतः मूल, ज्येष्ठा और अश्लेषा को मूल नक्षत्र कहा जाता है और आश्विन, मेघा और रेवती सहायक मूल नक्षत्र कहलाते हैं। अर्थात छः प्रकार के मूल नक्षत्र होते हैं।
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मूल नक्षत्र 2023 के अनुसार इस नक्षत्र में जन्में बालकों का स्वास्थ संवेदनशील रहता है। किन्तु विस्तृत प्रभाव को जानने के लिए बालक के साथ-साथ उसके माता -पिता की कुंडली का अध्यन जरूर करना चाहिए। यदि बालक की कुंडली में गुरु और चन्द्रमा की स्थिति मजबूत है तो उसके स्वास्थ पर मंडराया संकट समाप्त हो जाता है, और यदि परिजनों के ग्रह मजबूत हैं, तो उन पर भी अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं आता है। इस प्रभाव को कम करने के लिए बालक के जन्म के 27 वे दिन मूल नक्षत्र शांति पूजा करवाना श्रेष्ठकर होता है। इसके साथ ये भी ध्यान देना चाहिए कि जब तक पूजा नहीं हो जाती है, पिता अपने बच्चे का मुंह नहीं देखे।
इस नक्षत्र में जन्में बालक स्वभाव से जिद्दी होते हैं किन्तु ये अपने लक्ष्य को लेकर केंद्रित और कार्य को लेकर ईमानदार होते हैं। अमूमन मूल नक्षत्र का नकारात्मक प्रभाव जन्म से लेकर 8 वर्ष की आयु तक रहता है। अगर आप हाउ टू चेक मूल नक्षत्र के बारे में जानना चाहते हैं तो मूल नक्षत्र 2023 की तिथि और समय की जानकारी आप ज्योतिषाचार्य से प्राप्त कर सकते हैं।
अशुभ फल देने वाले नक्षत्र जैसे अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती गंडमूल नक्षत्र कहलाते हैं। इनका नकारात्मक प्रभाव जन्म के समय इनकी स्थिति पर निर्भर करता है। यदि इनकी स्थिति प्रतिकूल है तो जातक सदैव परेशानी में घिरा रहेगा और पिता के लिए कष्ट का कारण बनेगा। वहीं अनुकूल स्थिति में जातक को उच्च पद की प्राप्ति होती है, मित्रों से लाभ मिलता है, और उचित मान- सम्मान प्राप्त होता है। इन जातकों की रूचि मनोरंजन और घूमने में ज्यादा रहती है।
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मूल नक्षत्र का दोष प्रत्येक कुंडली के लिए भिन्न होता है, और उसी के अनुसार उपाय करने से लाभ भी मिलता है।